वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या है: हमने अक्सर सुना है, कि अगर शेयर बाजार से हमें बहुत पैसा कमाना है तो हमें वैल्यू निवेशक बनना पड़ेगा। लेकिन हम में से कई सारे लोग असल में वैल्यू इन्वेस्टिंग का सही मतलब नहीं समझ पाते, तो इसलिए हमने आप लोगों के लिए यह ब्लॉग बनाया है, जिसमें हम आपको यह बताएंगे की वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या है? तथा आपको इनमें किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
हम सबके बीच वैल्यू इन्वेस्टिंग का इतना ज्यादा प्रसिद्ध होने का एकमात्र कारण है, कि वारेन बफेट का 75 बिलियन डॉलर वैल्यू इन्वेस्टिंग के जरिए कमाना। अब सवाल यह होगा कि, क्या वारेन बफेट को वैल्यू इन्वेस्टिंग के बारे में पहले से पता था या वे किसी और से सीखे थे? तो इसका जवाब है की 1950 में वारेन बफेट ने वैल्यू इन्वेस्टिंग कोलंबिया के एक बिजनेस स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक “बेंजामिन ग्राहम” से सीखी थी।
तो चलिए आज हम लोग बेंजामिन ग्राहम के द्वारा बताया गया सिद्धांत वैल्यू इन्वेस्टिंग के बारे में जानते हैं।
वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या है?
जब आप किसी भी चीज को उसके कीमत पर खरीदने के बजाय कम कीमत पर खरीदते हैं, तो आप वैल्यू इन्वेस्टिंग करते हैं। किसी भी चीज की वैल्यू और उसकी कीमत में बहुत फर्क होता है।
उदाहरण के लिए यदि 1kg सेब की कीमत ₹100 है, और वह सेब आपको महंगाई के कारण 150 रुपए पर मिल रही है और आप उसे खरीदते हैं, तो उसे हम वैल्यू इन्वेस्टिंग नहीं कहते हैं। लेकिन यदि सेब की कीमत ₹100 है और वह आपको किसी कारण बस ₹70 पर मिल रही है और उसे समय आप अगर उसे सब को खरीदेंगे तो आप वैल्यू इन्वेस्टिंग कर रहे होते हैं।
शेयर बाजार में भी देखा गया है कि जब मार्केट गिरता है तो अच्छी-अच्छी कंपनियों के स्टॉक उसकी वैल्यू के अनुसार कम कीमत पर मिल रहे होते हैं, उस समय यदि आप उसे शेयर में निवेश करते हैं, तो आप असल में वैल्यू इन्वेस्टिंग करते हैं।
अब आपको वैल्यू इन्वेस्टिंग के बारे में पता चल गया होगा। यदि आप वैल्यू इन्वेस्टिंग करते हैं और फिर भी आपको नुकसान होता है, तो इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आप इसके सिद्धांतों को नहीं जानते हैं। वैल्यू इन्वेस्टिंग करने से पहले आपको इसके सिद्धांत के बारे में जानना जरूरी हो जाता है, तो चलिए हम लोग इसके सिद्धांत को जानते हैं।
वैल्यू इन्वेस्टिंग के सिद्धांत क्या है?
अगर आपको एक कामयाब निवेशक बनना है, तो आपको सिर्फ वैल्यू इन्वेस्टिंग के बारे में ही नहीं बल्कि आपको इसके सिद्धांत के बारे में भी अवश्य पता होना चाहिए :-
1) इंट्रिंसिक वैल्यू पता करें
इंट्रिंसिक वैल्यू का मतलब होता है, किसी भी एसेट का वास्तविकता में क्या मूल्य है? इसका पता लगाना। जब आप किसी भी कंपनी के उसकी वास्तविक मूल्य के बारे में समझ जाएंगे, तो आपको यह अवश्य ही समझ आएगा कि इस कंपनी में आपको कब निवेश करना है? या निवेश करना है या नहीं? या फिर निवेश करने के बाद आपको कब निकलना है? यह आपको इंट्रिंसिक वैल्यू के बारे में जानकर पता चल जाएगा।
उदाहरण के लिए यदि आप किसी कचरे में कोई एक चीज निकल कर और उसके उसको अच्छे से धोकर पैक करके अगर आप किसी को बेचते हो, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह सोना या फिर चांदी बन जाएगा। वह रहेगा तो कचरे का कचरा है, इसलिए किसी अभी कंपनी में निवेश करने से पहले उसके इंन्ट्रिसिक वैल्यू के बारे में जानना अति आवश्यक हो जाता है।
2) मिस्टर मार्केट पर ध्यान दें
मिस्टर मार्केट शेयर बाजार को कहा गया है। जब शेयर बाजार में लोग डरने लग जाते हैं और अपना शेयर डर की भावनाओं से बेचने लग जाते हैं, तब एक अच्छे निवेशक को शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए। क्योंकि उसे वक्त शेयरों का दाम बहुत सस्ता होता है तथा जब लोगों में लालच बढ़ जाता है और लोग खरीदने लग जाते हैं तो एक अच्छे निवेशक को सही समय आने पर अपने निवेश को बचना चाहिए।
अब सवाल यह आता है कि हमें कैसे पता चलेगा कि लोगों में लालच या डर की भावनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई है?
शेयर बाजार में कई सारे वेबसाइट है जो आपको शेयर बाजार में लालच और डर का इंडिकेशन बताते हैं, तो यह आप किसी भी वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं।
3) सेफ्टी मार्जिन पर ध्यान दें
सेफ्टी मार्जिन का मतलब यह होता है कि जब आपको कोई स्टॉक अपने इंट्रिंसिक वैल्यू से कम दाम में मिले तो उसे हम सेफ्टी मार्जन कहते हैं। यानी आप किसी भी शेयर में तब निवेश करें जब उसे शेयर की कीमत उसके इंट्रिंसिक वैल्यू से कम दाम पर मिले।
उदाहरण के लिए जब शेयर बाजार में लोगों में लालच बढ़ जाता है और लोग FOMO के कारण शेयर में निवेश करने लग जाते हैं, बाद में जब मार्केट मैं गिरावट आती है, तो आपको वह शेयर सस्ते दामों पर मिलने लग जाता है। इसलिए आपको सेफ्टी मार्जिन पर ध्यान देने की जरूरत होती है, जिसके लिए आपको शेयर बाजार में धैर्य रखना पड़ेगा।
4) पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई अवश्य करें
शेयर बाजार में अगर आपको एक अच्छा निवेशक बनना है, तो अपने रिस्क को कम करना पड़ेगा और रिस्क को कम करने का सबसे आसान तरीका है अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें। आप अपने पोर्टफोलियो को जितना ज्यादा डायवर्सिफाई करेंगे: चाहे अलग-अलग सेक्टर में या अलग-अलग स्टॉक में उतना ही आपका रिस्क कम होगा और आप जितना आपका रिस्क कम होगा, आप उतने ही लंबे समय तक उसे स्टॉक में निवेशक बने रहेंगे।
Read Also — नए लोग शेयर बाजार में निवेश कैसे करें ?
निष्कर्ष
आज हमने आपको अपने इस वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या है? (Value Investing) वारेन बफेट वैल्यू इन्वेस्टिंग स्ट्रेटजी ब्लॉग में वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या होता है? यह उदाहरण के साथ समझाया है तथा इसके सिद्धांत क्या-क्या है? यह भी हमने आपको बताया है। अगर आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी अवश्य शेयर कीजिएगा, जो शेयर बाजार में रुचि रखते हैं और निवेश भी करना चाहते हैं।
Disclaimer
इस ब्लॉग में जिस भी प्रकार का नजरिया और निवेश करने के लिए टिप्स बताए गए हैं, यह मुख्यतः लेखक के द्वारा बताए गए है, ना तो इस StockVastu.com वेबसाइट के द्वारा और ना ही इसके मैनेजमेंट के द्वारा। शेयर बाजार में निवेश करना और ट्रेडिंग करना काफी जोखिमों भरा काम है। StockVastu.com आप सबों से यह अनुरोध करता है कि किसी भी प्रकार के निवेश करने से पहले आप अपनी सूझबूझ का इस्तेमाल जरूर करें या किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें ।