मौलिक विश्लेषण क्या है ?, कैसे करें ?/ What is Fundamental Analysis in Hindi

मौलिक विश्लेषण क्या है ? जब भी नए निवेशक अपने निवेश की यात्रा शुरू करते हैं तो वे लोगों से यह जरूर सुना करते हैं, कि अगर आप 10 साल पहले MRF, Infosys या Wipro के शेयर खरीदे होते, आज आप करोड़पति होते । लेकिन सवाल यह आता है कि 10 साल पहले किसे पता था कि यह सारे स्टॉक इतनी ज्यादा रिटर्न देंगे? लेकिन हम आपको यह बताने में बेहद खुशी महसूस कर रहे हैं कि आप इसका पता लगा सकते हैं। इसका पता केवल मौलिक विश्लेषण यानी Fundamental Analysis की सहायता से चल सकता हैं ।

मौलिक विश्लेषण क्या है

इसलिए आज हम लोग इस ब्लॉग में यह सीखेंगे की मौलिक विश्लेषण क्या है ?, कैसे करें ?/ What is Fundamental Analysis in Hindi और कैसे हम किसी कंपनी का मौलिक विश्लेषण यानी Fundamental Analysis कर सकते हैं।

मौलिक विश्लेषण क्या है ?/ What is Fundamental Analysis in Hindi

मौलिक विश्लेषण एक तरीका होता है जिससे हम किसी भी कंपनी की सोच, उसके काम करने का तरीका, काम में होने वाले लाभ और हानि को जान पाते हैं । मौलिक विश्लेषण से हम किसी भी कंपनी के बारे में यह जान सकते हैं कि वह किस प्रकार का बिजनेस करती है? क्या वह बिजनेस करके पैसा कमा पाती है या नहीं ?, इन सारे सवालों का जवाब हमें मौलिक विश्लेषण करके पता चल सकता है।

इसके अलावा निवेशकों के मन में हमेशा ही यह सवाल आता है कि क्या वह किसी कंपनी को महंगे दाम पर निवेश कर रहा है या सस्ते दाम पर ? क्योंकि जब हम कभी किसी जनरल स्टोर से कोई सामान खरीदते हैं तो उसे पर MRP लिखा होता है, किंतु शेयर बाजार में शेयर का कोई MRP नहीं होता, लेकिन इसका भी पता हम मौलिक विश्लेषण के एक भाग PE Ratio से लगा सकते हैं।

किसी भी कंपनी का मालिक विश्लेषण यानी फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए काफी चीजों की जरूरत होती है, किंतु इससे पहले हमारे लिए यह जानना आवश्यक है, की मौलिक विश्लेषण यानी फंडामेंटल एनालिसिस करने की आखिर क्या जरूरत होती है ?

मौलिक विश्लेषण करना क्यों जरूरी होता है ?

मान लीजिए कि आपको एक दुकान से पेन खरीदना है जिसकी कीमत दुकानदार ने आपको ₹50 बताया, तो क्या आप उसे पेन को खरीदोगे? इसी प्रकार आप किसी और दुकान पर गए और वहां पर आपको इसी पेन की कीमत केवल 10 पैसे बताया गया, तो क्या आप वह पेन खरीदोगे? क्योंकि हमें यह अच्छे से पता होता है किसी पेन की कीमत ₹5 ₹10 और ₹20 होती है। यहां पर आपको एक दुकानदार से पेन काफी महंगे दाम पर मिल रहा है और वही पेन आपको कोई और दुकानदार से काफी सस्ते दाम पर मिल रहा है, इसका मतलब यह है कि सस्ता और महंगा होने के पीछे कोई ना कोई कारण अवश्य होगा। और इसी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हमारे लिए मौलिक विश्लेषण करना आवश्यक हो जाता है, मौलिक विश्लेषण करके हम उनका जवाब ढूंढ पाएंगे, जिससे कि हम अपना पैसा सही कंपनियों में निवेश कर पाए।

अब हमारे सामने यह सवाल आता आ जाता है कि किसी कंपनी का सही कीमत जिसे हम इंट्रिसिक वैल्यू (Intrinsic Value) भी कहते हैं कैसे पता करें ?

इंट्रिसिक वैल्यू (Intrinsic Value) कैसे पता करें ?

आमतौर पर निवेशक तीन प्रकार के टूल्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी मदद से वे किसी कंपनी के सही वैल्यू यानी इंट्रिसिक वैल्यू का पता कर पाए :-

1) फाइनेंशियल रिपोर्ट एनालाइज करना (Analyse Financial Report)

फाइनेंशियल रिपोर्ट के अंतर्गत बैलेंस शीट, इनकम स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट इत्यादि आते हैं, इनकी मदद से हम किसी भी कंपनी के फाइनेंशियल हेल्थ का पता लगा सकते हैं, कि कंपनी के पास कितने एसेट हैं या कितने लायबिलिटी है?, कंपनी कितना पैसा कमा रही है या पैसा गाव रही है?, कंपनी अपना पैसा कहां लग रही है?, इन सब का विश्लेषण करके आप किसी कंपनी के फाइनेंशियल हेल्थ के बारे में जान सकते हैं, कि वह कितने कंपनी कितनी सक्षम है।

2) कमाई (Earnings)

किसी भी कंपनी के कमाई को देखकर हम यह समझ सकते हैं कि वह कंपनी कितनी सक्षम है? Earnings यानी कमाई मुख्यतः दो प्रकार की होती है, एक क्वार्टरली अर्निंग जिसकी घोषणा कंपनियां एक साल में 4 बार करती है यानी हर 3 महीने में एक बार और दूसरा प्रोजेक्टेड फ्यूचर अर्निंग्स।

3) फाइनेंशियल रेशियो (Financial Ratio)

किसी भी कंपनी के वर्तमान स्थिति का पता लगाने में फाइनेंशियल रेशियो हमारी काफी मदद करती है, फाइनेंशियल रेशियो के उदाहरण PE Ratio, PB Ratio, EPS, ROE, Debt, ROCE उदाहरण इत्यादि है ।

इन सभी टूल्स का इस्तेमाल करके आप किसी भी कंपनी के इंट्रिसिक वैल्यू यानी उसे कंपनी का सही कीमत पता लगा सकते हैं, और उसे कंपनी में निवेश भी कर सकते हैं ।

हम आपको कुछ वेबसाइट के नाम बता रहे हैं जहां पर आपको किसी भी कंपनी की सारी जानकारी एक ही जगह जगह पर मिलेगी, जिससे आप किसी भी कंपनी के बारे में जानने में आपको कोई भी तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ेगा ।

मौलिक विश्लेषण करने वाले वेबसाइट का नाम

Ticker.Finology.in

Screener.in

अब जानते हैं कि फंडामेंटल एनालिसिस यानी मौलिक विश्लेषण कितने प्रकार के होते हैं ?

मौलिक विश्लेषण कितने प्रकार के होते हैं ?

मौलिक विश्लेषण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं :-

1) क्वानटेटिव विश्लेषण

इस विश्लेषण के माध्यम से निवेशक नंबर और फिगर्स को देखकर विश्लेषण करते हैं, फिगर्स का मतलब की प्रॉफिट कितना हुआ? लोस कितना हुआ? कंपनी ने कितना पैसा खर्च किया? क्वार्टर का रिजल्ट कैसा आया? इत्यादि और यह सभी जानकारी अलग-अलग माध्यमों से प्राप्त की जाती है । जैसे कंपनी के पास कितना पैसा आया और कितना गया इसकी जानकारी आपको कैश और फ्लो स्टेटमेंट से पता चल जाती है। इसके अलावा निर्देशक और भी बहुत सारे फिगर्स का विश्लेषण करते हैं, इन्हीं क्वानटेटिव विश्लेषण कहा जाता है ।

1) क्वालिटेटिव विश्लेषण

इस प्रकार के विश्लेषण में निवेशक नंबर्स और फिगर्स के अलावा हर प्रकार का संभव विश्लेषण करने का प्रयास करते हैं, जैसे कंपनी का मैनेजमेंट कैसा है?, कंपनी अपने बिजनेस के लिए किस प्रकार का निर्णय लेती है?, कंपनी किस प्रकार का बिजनेस करती है?, उसके प्रोडक्ट्स क्या-क्या है? कंपनी का कितना मार्केट शेयर है इत्यादि ।

जब भी भी हम किसी कंपनी का मौलिक विश्लेषण करते हैं, तो क्वानटेटिव और क्वालिटेटिव विश्लेषण करना अति आवश्यक होता है। इन दोनों की मदद से हम किसी भी कंपनी के बिजनेस को और उसकी परफॉर्मेंस को अच्छे से जान और समझ पाते हैं।

मौलिक विश्लेषण के फायदे और नुकसान ?

फायदे

मौलिक विश्लेषण करने से निवेशक को कंपनी के बारे में अवश्य ही समझ आ जाती है, कि कंपनी किस प्रकार का बिजनेस करती है और कैसा बिजनेस करती है, और यह जानने से निवेशक को यह फायदा है कि वह जिस भी कंपनी में अपना पैसा निवेश कर रहा है क्या वह सही है या नहीं है?

नुकसान

मौलिक विश्लेषण करने से निवेशक को यह नुकसान है कि यह बहुत ही ज्यादा किसी भी कंपनी का मौलिक विश्लेषण करके उसे समझने में बहुत सारा समय देना होता है, बहुत सारी चीज पढ़नी होती है और बहुत सारी चीजों को जानना होता है, जो एक समय लेने वाला प्रक्रिया है । इसके अलावा शेयर बाजार में अलग-अलग प्रकार की मानसिकता वाले निवेशक है, जो अलग-अलग प्रकार की सोच रखते हैं और ऐसा अक्सर होता है कि एक ही कंपनी को दो लोग अलग-अलग तरीके से समझते हैं, और अलग-अलग प्रकार का निर्णय लेते हैं जिससे उसे कंपनी के परफॉर्मेंस पर असर भी पड़ता है।

निष्कर्ष

हमने आपको अपने इस ब्लॉग में मौलिक विश्लेषण क्या है ?, कैसे करें ?/ What is Fundamental Analysis in Hindi इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है, अगर आपको हमारा यह Blog पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी अवश्य शेयर कीजिएगा जो शेयर मार्केट में रुचि रखते हैं और मौलिक विश्लेषण के बारे में जानना चाहते हैं।

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