टर्म इंश्योरेंस कैसे चुने?: टर्म इंश्योरेंस के बारे में जानने से पहले मैं आपसे एक सवाल करना चाहता हूं कि हमलोग टर्म इंश्योरेंस किस कारण से लेते हैं?:- हम लोग टर्म इंश्योरेंस इसलिए लेते हैं ताकि भविष्य में अगर हमें कुछ हो जाता है, तो इंश्योरेंस कंपनी हमारे परिवार को इंश्योरेंस का पैसा दे, ताकि हमारा परिवार भविष्य में सकुशल चल सके।
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति ने टर्म इंश्योरेंस लिया होता है और उसके साथ कुछ दुर्घटना हो जाती है और जब उसका परिवार इंश्योरेंस क्लेम करने जाता है, तो परिवार को क्लेम का पैसा नहीं मिलता है। पूरा क्लेम का अमाउंट नहीं मिल पाता है यानी कम मिलता है। तो चलिए हम लोग सबसे पहले यह जानते हैं कि टर्म इंश्योरेंस क्या होता है? और टर्म इंश्योरेंस की जरूरत क्यों होती है?
टर्म इंश्योरेंस क्या होता है?
टर्म इंश्योरेंस एक लाइफ इंश्योरेंस की तरह ही होता है, किंतु लाइफ इंश्योरेंस का सबसे साधारण फॉर्म को हम टर्म इंश्योरेंस कहते हैं। टर्म इंश्योरेंस एक बहुत ही सस्ता इंश्योरेंस होता है, जिसमें आप कम पैसे देकर आपको एक बड़ा अमाउंट का इंश्योरेंस मिल जाता है। उदाहरण के लिए आप 1 करोड रुपए तक का टर्म इंश्योरेंस केवल ₹450 से ₹500 हर महीने देकर भी खरीद सकते हैं। टर्म इंश्योरेंस निश्चित समय के लिए होता है और जिस व्यक्ति ने टर्म इंश्योरेंस लिया होता है, अगर उस व्यक्ति को उसे निश्चित समय के अंदर कुछ हो जाता है, तो उसके परिवार को उसे इंश्योरेंस का पैसा मिलता है।
टर्म इंश्योरेंस की जरूरत क्यों होती है?
हर किसी की जिंदगी में कुछ ना कुछ होता रहता है अगर किसी परिवार में केवल एक ही व्यक्ति पैसे कमाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है, तो उसे व्यक्ति को टर्म इंश्योरेंस अवश्य लेना चाहिए। क्योंकि यदि उस व्यक्ति को कुछ हो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है, तो इस टर्म इंश्योरेंस से मिलने वाली पैसे से उसका परिवार अपना भरण-पोषण अच्छे से कर सकता है।
टर्म इंश्योरेंस के मामले में अक्सर यह देखा गया है, कि किसी व्यक्ति द्वारा लिए गए टर्म इंश्योरेंस का क्लेम जब उसके परिवार के द्वारा किया जाता है, तो उसे पैसे मिलने में कभी-कभार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है या फिर उनके परिवार को पैसा नहीं ही मिलता है। तो अब सवाल यह आता है कि इससे बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए, ताकि हमारे परिवार को क्लेम का पैसा मिले और पूरा पैसा मिले।
टर्म इंश्योरेंस कैसे चुने?
तो इसके लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण बिंदु को ध्यान में रखने की जरूरत है, ताकि हमें भविष्य में किसी प्रकार का इंश्योरेंस क्लेम करने में दिक्कत ना हो:-
1) क्लेम सेटेलमेंट रेश्यो पर ध्यान रखें
क्लेम सेटेलमेंट रेश्यो का आसान मतलब यह होता है कि यदि 100 लोग किसी इंश्योरेंस कंपनी पर क्लेम करते हैं, तो उनमें से कितने लोगों का क्लेम सेटल हो जाता है और उन्हें पैसा मिल जाता है। साधारणतः अच्छी इंश्योरेंस कंपनी का क्लेम सेटेलमेंट रेश्यो न्यूनतम 97% से 98% होता है। अगर यदि इससे कम है, तो आप उस इंश्योरेंस कंपनी में टर्म इंश्योरेंस लेने से बचे, क्योंकि हो सकता है भविष्य में आप जब अपना इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए जाएं, तो आपको आपके इंश्योरेंस का पैसा ना मिले।
क्लेम सेटेलमेंट रेश्यो कहां देखें?
क्लेम सेटेलमेंट रेश्यो आप पॉलिसी बाजार के वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं, हमने यहां पर वेबसाइट का लिंक भी उपलब्ध करवाया है।
Website Link — Policy Bazaar
ध्यान रहे, यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के टर्म इंश्योरेंस दिखाई देंगे, किंतु आपको उन्हीं इंश्योरेंस को लेना है जिसका क्लेम सेटेलमेंट रेश्यो न्यूनतम 97% से 98% हो।
2) कंप्लेंट प्रति क्लेम रेश्यो भी देखें
किसी भी इंश्योरेंस कंपनी का क्लेम सेटेलमेंट रेश्यो भले ही ज्यादा हो, किंतु आपको कंप्लेंट प्रति क्लेम रेश्यो भी देखना है। जब कोई अपना इंश्योरेंस क्लेम करता है तो उसके साथ-साथ कंप्लेंट भी डाली जाती है। यदि किसी इंश्योरेंस कंपनी के पास क्लेम सेटेलमेंट रेश्यो ज्यादा है, किंतु कंप्लेंट भी ज्यादा है, तो आप को उस इंश्योरेंस कंपनी से टर्म इंश्योरेंस लेने से बचना चाहिए। यानी कंप्लेंट प्रति के क्लेम रेश्यो का कम होना आवश्यक है।
3) इंश्योरेंस कंपनी के रेपुटेशन पर ध्यान दें
टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले हमें हर इंश्योरेंस कंपनी का रेपुटेशन अवश्य ही चेक करना चाहिए। हमें बस उन्हीं कंपनियों के पास इंश्योरेंस लेना चाहिए, जो काफी ज्यादा भरोसे के लायक है और रेप्यूटिव है। जैसे: एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, बजाज इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई इंश्योरेंस आदि।
4) सॉल्वेंसी रेश्यो चेक करें
सॉल्वेंसी रेश्यो साधारणतः हमें यह बताता है, कि वह इंश्योरेंस कंपनी फाइनेंशली कितनी सक्षम है। क्योंकि जब आप अपना इंश्योरेंस क्लेम करेंगे तो कंपनी के पास पैसे का होना अति आवश्यक है। यदि कंपनी उस समय बैंकक्रप्ट होगी तो आपको पैसा नहीं दे पाएगी। इसलिए सॉल्वेंसी रेश्यो का देखना अति आवश्यक हो जाता है। IRDAI के अनुसार न्यूनतम 1.5 या 150% सॉल्वेंसी रेश्यो का होना अति आवश्यक है।
यह सभी बिंदुओं टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले चेक करना अति आवश्यक है, अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको अपना इंश्योरेंस क्लेम करने के समय किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और आपको आपके इंश्योरेंस का पैसा मिल जाएगा।
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निष्कर्ष
हम उम्मीद करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको टर्म इंश्योरेंस क्या होता है? क्यों जरूरी होता है? तथा टर्म इंश्योरेंस कैसे चुने? इसके बारे में आपके संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी और आप जब भी टर्म इंश्योरेंस लेने जाएंगे, तो हमारे द्वारा बताए गए इन बातों का अवश्य ही ध्यान रखेंगे। अगर आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी अवश्य शेयर कीजिएगा, जो टर्म इंश्योरेंस लेना चाहते हैं या लेने के बारे में सोच रहे हैं।